भारत सरकार की शिल्पकार प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं से प्रशिक्षण पूर्ण कर वर्ष दर वर्ष से उत्तीर्ण हुए प्रशिक्षणार्थियों में से अधिकांश आज रोजगार अथवा स्वरोजगार पाकर अपने अपने क्षेत्रों में स्वावलंबन पूर्वक जीवन बिता रहे हैं। इस महान कार्य में रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर भी इस औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से प्रयासरत है। प्रशिक्षण एक सतत प्रक्रिया है जो जीवन भर चलती है परन्तु जीविकोपार्जन हेतु आधुनिक तकनीकी कला कौशल में पारंगत होने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में संचालित होने वाली एक वर्षीय या दो वर्षीय पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त कर देश का प्रत्येक व्यक्ति आत्मनिर्भर होकर स्वावलंबन पूर्वक जीवन निर्वाह कर सकता है। हमारा जन्म सिर्फ स्वयं के हित के लिए नहीं हुआ है वरन दूसरों के हितार्थ भी हुआ है, अतः देश का प्रत्येक व्यक्ति तकनीकी कौशल में दक्षता प्राप्त कर उसके सदुपयोग से धन उपार्जन करें और अपने गृहस्थ जीवन का निर्वाह करें साथ ही साथ अपने ग्राम, प्रदेश, देश और मानवता के लिए भी उसका एक अंश प्रदान करें। यही गीता में भगवान द्वारा बताया गया निष्काम कर्म योग है। जीवन में यह सूक्ति ध्यान रखें कि “आत्मनो मोक्षार्थम जगत हिताय च” अर्थात अपनी मुक्ति और जगत का कल्याण, स्वामी विवेकानन्द के अनुगामी इसी आदर्श को लेकर चलते हैं। अतः हृदय में पवित्रता, हाथ में तकनीकी कौशल दक्षता तथा बुद्धि में सकारात्मक सोच रखकर किसी सद्कार्य में लगा जाए तो उस कार्य में सफलता निश्चित है। अतः देश के प्रत्येक व्यक्ति विशेष कर युवा वर्ग को आधुनिकतम तकनीकी कौशल में दक्ष होने के लिए पूरी लगन, पवित्रता, अध्यवसाय और धैर्य से प्रस्तुत हो जाना चाहिए जिससे हमारा विकासशील देश औद्योगिक उन्नति के नित्य नए सोपान तय करते हुए उचित समय में विकसित देश की श्रेणी में शामिल हो जाए। यह केवल और केवल देश के प्रत्येक नागरिकों का आध्यात्मिक विकास के साथ तकनीकी कौशल विकास के क्षेत्र में सतत अथक परिश्रम से ही संभव है। मै श्री-श्री ठाकुर, श्री-श्री मां और स्वामी जी से आंतरिक प्रार्थना करता हूँ कि देश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में प्रशिक्षणरत समस्त प्रशिक्षणार्थियों को प्रेरणा दें, शक्ति दें ताकि वे तकनीकी रूप में दक्ष होकर इस जीवन को आदर्श रूप में तैयार कर सकें, सफल हो सकें।
सादर शुभेच्छाओं के साथ
प्रभु की सेवा में
स्वामी व्याप्तानन्द
सचिव, रामकृष्ण मिशन आश्रम, नारायणपुर
रामकृष्ण मिशन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नारायणपुर में प्रारंभ अक्टूबर 2012 से वर्तमान तक प्रशिक्षण प्राप्त कर परिक्षा उत्तीर्ण उपरांत अधिकांश प्रशिक्षणार्थी अपनी कार्य कुशलता के कारण अपने कार्य क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार में नियोजित होकर स्वावलंबन पूर्वक जीवन यापन कर रहे हैं। इस संस्थान द्वारा प्रदान की गई प्रशिक्षण और प्रशिक्षणार्थीयों द्वारा की गई परिश्रम के कारण प्रशिक्षणार्थी कौशल युक्त होकर अपने कार्यो में व्यस्त हैं, उनकी यह व्यस्तता ही हमारी सफलता है। कुछ प्रशिक्षणार्थीयों की अपने कार्य क्षेत्रों में कार्यकुशलता इतनी अच्छी रही है कि उनके कार्यरत संस्थान द्वारा उसी कार्य क्षेत्र हेतु प्रशिक्षणार्थीयों की माँग निरंतर की जा रही है। जब आप किसी संस्था में कौशल युक्त होकर कुशलता से काम करते हैं तो इससे उस संस्थान का यश बढ़ता है, जिस संस्थान से आपने प्रशिक्षण प्राप्त किया है, अत: सभी उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थी संगठित हों एक सम्मिलित प्रयास द्वारा रोजगार के अवसर प्राप्त करने हेतु सतत प्रयास करें। यदि आप प्रयासरत होंगे तब रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर भी स्वरोजगार स्थापित करने में सहयोग करेगा। विदित हो कि यह औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान धीरे – धीरे अपनी यात्रा तय करते हुये आगे बढ़ रहा है। इसकी सफलता के पीछे स्वामीजी कि इच्छा और उनकी शक्ति है। उन्हें देश के युवा कंधो पर ही सर्वाधिक भरोसा है । वे मानते हैं की संसार का कल्याण युवाओं के द्वारा ही संभव है। वर्तमान में MAKE IN INDIA का वास्तविक तात्पर्य है भारत में ही अविष्कार करना, भारत में ही खोज करना और उसके पश्चात भारत में ही निर्माण करना। आत्म निर्भरता कि इस आशा को युवा पीढ़ी ही पूरी कर सकता है और यही प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी का उद्देश्य होना चाहिए। इससे ही भारत का निर्माण संभव है। हम चाहते हैं कि स्वामीजी के आदर्शों के अनुरूप “एक ऐसी नवीन मानव जाति को गढ़ना होगा जिसमे ऐहिक शक्ति के साथ ही आध्यात्मिक शक्ति का भी सम्मिश्रण होगा, जिनके जीवन में सिंह सम पराक्रम के साथ मेषसुलभ निरीहता का सम्मिलन होगा और जो प्राच्य तथा पाश्चात्य के बीच समन्वय स्थापित करेंगे।”
सादर शुभेच्छाओं सहित
स्वामी महेशानन्द
प्राचार्य रामकृष्ण मिशन आई. टी. आई. नारायणपुर